रंग-बिरंगी आभा लेकर
काली-काली घनघोर घटाएं, बिजुरी चमके, मन बहके
झर-झर-झर बूंदें झरतीं, चीं-चीं-चीं-चीं चिड़िया चहके
पीछे से कहीं आया इन्द्रधनुष रंग-बिरंगी आभा लेकर
मदमस्त पवन, धरा निखरी, उपवन देखो महके-महके
काली-काली घनघोर घटाएं, बिजुरी चमके, मन बहके
झर-झर-झर बूंदें झरतीं, चीं-चीं-चीं-चीं चिड़िया चहके
पीछे से कहीं आया इन्द्रधनुष रंग-बिरंगी आभा लेकर
मदमस्त पवन, धरा निखरी, उपवन देखो महके-महके