नारी मन

हर बात बताई नहीं जाती,
हर धड़कन छुपाई नहीं जाती
कुछ जिगरो-ज़ख्म ऐसे भी हैं,
जिन पर मरहम लगाई नहीं जाती,
यही नारी-मन है

विविधा

जीवन के, अनुभवों के, भावों के प्रत्येक पल को हम शीर्षकों में व्याख्यायित नहीं कर सकते। कभी -कभी कुछ ऐसा होता है जिसे नाम भी नहीं दे पाते। ऐसी रचनाएं कुछ विशिष्ट होती हैं, वे विविधा में ही समाती हैं।

हास्य/व्यंग्य आनन्‍द

उदासियों के तो बहुत से कारण ढूंढ लेते हैं हम जीवन में, किन्तु अकारण छोटी-छोटी बातों पर आनन्द बांटिए, इधर की उधर लगाईये, हंसिए और हंसाईए, फिर देखिए जीवन का आनन्द

क्षणिकाएं /छोटी कविताएं

कभी-कभी मन की गहराई से भावों का बवंडर उठता है, किन्तु लेखनी उस बहुत बड़ी बात को कुछ ही शब्दों में समेटकर बवण्डर को शांत कर देती है, मेरी ऐसी ही रचनाएं क्षणिकाएं कहलाती हैं।

रिश्तेः कुछ अपने कुछ सपने

एक चाहत होती है, अपनों के साथ जीने की, जब सब साथ होते हैं तब घटाएं भी छाती हैं, तीखी धूप भी निकलती है, बसन्त और सावन का भी आनन्द मिलता है, फूल-कांटे दोनों होते हैं, यही रिश्तों की महक है।

मुक्तक छाया

बस चार पंक्तियां और मन की पूरी बात । एक लय, एक तुकबन्दी और एक छोटी-सी रचना, विषय अबाध।

पर्व उत्सव दिवस

जीवन स्वयं में एक पर्व है, प्रतिदिन महोत्सव है, आनन्द है। हमारे पर्व जीवन में रंग भरते हैं, प्रकाश करते हैं, अपनों को अपनों से जोड़ते हैं, तभी तो पर्व कहलाते हैं।

आलेख

सामाजिक, परिवेशात्मक, साहित्यिक चिन्तन, विविधात्मक विषयों पर अपने विचार

कुछ अपने मन से/ कुछ अपने मन की

जो मैं हूं, वैसा सब मुझे जान नहीं पाते, और जैसा सब मुझे जान पाते हैं , वह मैं बन नहीं सकती। हर बार का यह टकराव रचनात्मक प्रेरणा बनता है मेरे लिए

आस्था-अनास्था, रूढ़ि-परम्पराः एक द्वन्द्व

आस्था-अनास्था, परम्पराओं और रूढ़ियों के बीच, हां या ना के बीच बहुत से प्रश्न उठते हैं मन में, सुलझते नहीं, तब उन प्रश्नों को शब्द मिलते हैं।

कथा-कहानी

जीवन के प्रत्येक पल को, प्रत्येक रंग को कविताएं स्वर नहीं दे पातीं। कुछ पात्र कथाओं में ही अभिव्यक्ति पाते हैं, फिर वह लघु कथा हो अथवा लम्बी कहानी।

चिन्तन/राग- विराग

कविताएं केवल प्रेम-विरह, श्रृंगार आदि भावों की ही रचना नहीं करतीं, विचारात्मक, चिन्तनपरक भी होती हैं। यह चिन्तन सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक कुछ भी हो सकता है।

जीवन संगीत

हर रोज़ एक नई कथा पढ़ाती है ज़िन्दगी कभी हंसाती.रूलाती.जताती है ज़िन्दगी
हर दिन एक नई आस दिलाती है ज़िन्दगी कुछ पाने के लिए निरन्तर भगाती है ज़िन्दगी
पर कुल मिलाकर देखें तो एक उपहार है ज़िन्दगी

चित्र आधारित रचनाएं

कभी आपने चित्रों को बोलते सुना है? चित्र बोलते है, रंग भाव देते हैं, तूलिका शब्द समझाती है, ऐसे चित्रों को पढ़कर कविता मुखर होती है।

बालमन

बचपन एक अंदाज़ है, झूठ और सच से अलग एक संसार है, न कुछ खोने का डर, न कुछ पाने की लालसा, एक निर्बोध जीवन, छोटी-छोटी उपलब्धियों में बसा खुशनुमा संसार है।

प्रकृति के प्रांगण में

प्रकृति एक आस देती है, विश्वास देती है, नवजीवन का आभास देती है, सिखाती है, समझाती है, पतझड़ के साथ सावन और बसन्त का भी राग देती है, बस आस बनाये रखना, यह समझाती है।

मेरा देश / मेरी सोच

एक सजग नागरिक का चिन्तन, देश के प्रति समर्पण, कर्तव्य पालन, सम्भवतः एक नागरिक की सबसे बड़ी देशभक्ति है। किन्तु एक सजग नागरिक का यह भी कर्तव्य है कि वह गलत और ठीक पर लिखने का साहस करे।

आपदा

कुछ आपदाएं मन के भीतर हैं, कुछ प्राकृतिक और कुछ मानवीय कृत्यों से। सभी आहत करती हैं, कुछ कहने के लिए विवश करती हैं, सजग करती हैं और समाधान खोजती हैं।