सोचते हैं दिल बदल लें
मायूस दिल को मनाने अब किसे, क्यों यहां आना है
दिल की दर्दे-दवा लगाने अब किसे, क्यों यहां आना है
ज़माना बहुत निष्ठुर हो गया है, बस तमाशा देख रहा
सोचते हैं दिल बदल लें, देखें किसे यहां घर बसाने आना है।
मायूस दिल को मनाने अब किसे, क्यों यहां आना है
दिल की दर्दे-दवा लगाने अब किसे, क्यों यहां आना है
ज़माना बहुत निष्ठुर हो गया है, बस तमाशा देख रहा
सोचते हैं दिल बदल लें, देखें किसे यहां घर बसाने आना है।