सांसों की गिनती कर पाते
सांसों की गिनती कर पाते तो कितना अच्छा होता।
इच्छाओं पर बांध बना पाते तो कितना अच्छा होता।
जीवन-भर यूं ही डूबते-तिरते समय निकला जाता है,
अपनी इच्छा से जीते-मरते, तो कितना अच्छा होता।
सांसों की गिनती कर पाते तो कितना अच्छा होता।
इच्छाओं पर बांध बना पाते तो कितना अच्छा होता।
जीवन-भर यूं ही डूबते-तिरते समय निकला जाता है,
अपनी इच्छा से जीते-मरते, तो कितना अच्छा होता।