मेहनत करते हैं जीते हैं
मां ने बोला था कल लोहड़ी है, लकड़ी का न हुआ है इंतज़ाम
विद्यालय में कुछ पुराने पेड़ कटे थे, मैं ले आई माली से मांग
बस हर वक्त भूख, रोटी, लड़की, शोषण की ही बात मत कर
मेहनत करते हैं, जीते हैं अपने ढंग से, यह लो तुम भी मान
मां ने बोला था कल लोहड़ी है, लकड़ी का न हुआ है इंतज़ाम
विद्यालय में कुछ पुराने पेड़ कटे थे, मैं ले आई माली से मांग
बस हर वक्त भूख, रोटी, लड़की, शोषण की ही बात मत कर
मेहनत करते हैं, जीते हैं अपने ढंग से, यह लो तुम भी मान