बस बातें करने में उलझे हैं हम
किस विवशता में कौन है, कहां है, कब समझे हैं हम।
दिखता कुछ और, अर्थ कुछ और, नहीं समझे हैं हम।
मां-बेटे-से लगते हैं, जीवनगत समस्याओं में उलझे,
नहीं इनका मददगार, बस बातें करने में उलझे हैं हम।
किस विवशता में कौन है, कहां है, कब समझे हैं हम।
दिखता कुछ और, अर्थ कुछ और, नहीं समझे हैं हम।
मां-बेटे-से लगते हैं, जीवनगत समस्याओं में उलझे,
नहीं इनका मददगार, बस बातें करने में उलझे हैं हम।