प्रेम-प्यार के मधुर गीत
मौसम बदला, फूल खिले, भंवरे गुनगुनाते हैं।
सूरज ने धूप बिखेरी, पंछी मधुर राग सुनाते हैं।
जी चाहता है भूल जायें दुनियादारी के किस्से,
चलो मिलकर प्रेम-प्यार के मधुर गीत गाते हैं।
मौसम बदला, फूल खिले, भंवरे गुनगुनाते हैं।
सूरज ने धूप बिखेरी, पंछी मधुर राग सुनाते हैं।
जी चाहता है भूल जायें दुनियादारी के किस्से,
चलो मिलकर प्रेम-प्यार के मधुर गीत गाते हैं।