चंचल हैं सागर की लहरें

चंचल हैं सागर की लहरें।

कुछ कहना चाहती हैं।

किनारे तक आती हैं,

किन्तु नहीं मिलता किनारा,

लौट जाती हैं,

अपने-आपमें,

कभी बिखर कर,

कभी सिमट कर।