कहना सबका काम है कहने दो
लोक लाज के भय से करो न कोई काम
जितनी चादर अपनी, उतने पसारो पांव
कहना सबका काम है कहने दो कुछ भी
जो जो मन को भाये वही करो तुम काम
लोक लाज के भय से करो न कोई काम
जितनी चादर अपनी, उतने पसारो पांव
कहना सबका काम है कहने दो कुछ भी
जो जो मन को भाये वही करो तुम काम