औरों को मत देख बस अपने मन में ठान ले
अपने जीवन को निष्कपट बनाने के लिए क्रांति की जरूरत है
अपने भीतर की बुराईयों को मिटाने के लिए क्रांति की जरूरत है
किसी क्रांतिकारी ने कभी झाड़ू नहीं उठाया था किसी नारे के साथ
औरों को मत देख बस अपने मन में ठान ले इसकी ज़रूरत है
स्वच्छता अभियान की नहीं, स्वच्छ भारत बनाये रखने की ज़रूरत है