क्यों न कहे

आंखें देखती हैं,

कान सुनते हैं,

दिल जलता है,

माथा तपता है,

सब चुपचाप चलता है।

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किन्तु यह जिह्वा

सह नहीं पाती,

सब कह बैठती है।