आँसू और मुस्कुराहट

तुम्हारी छोटी-छोटी बातें

अक्सर

बड़ी चोट दे जाती हैं

पूछते नहीं तुम

क्या हुआ

बस डाँटकर

चल देते हो।

मैं भी आँसुओं के भीतर

मुस्कुरा कर रह जाती हूँ।