कुशल रहें सब, स्वस्थ रहें
कुशल रहें सब, स्वस्थ रहें सब, यही कामना करते हैं
आनी-जानी तो लगी रहेगी, हम यूं ही डरते रहते हैं
कौन है अपना, कौन पराया, कहां जान पाते हैं हम
जो सुख-दुख के हों साथी, वे ही अपने लगने लगते हैं
कुशल रहें सब, स्वस्थ रहें सब, यही कामना करते हैं
आनी-जानी तो लगी रहेगी, हम यूं ही डरते रहते हैं
कौन है अपना, कौन पराया, कहां जान पाते हैं हम
जो सुख-दुख के हों साथी, वे ही अपने लगने लगते हैं