ये दो दिन

कहते हैं

दुनिया

दो दिन का मेला,

कहाँ लगा

कबसे लगा,

मिला नहीं।

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वैसे भी

69 वर्ष हो गये

ये दो दिन

बीत ही नहीं रहे।