मन उलझ रहा
आंखों में काजल है नभ पर बादल हैं
भाव बहक रहे ये दिल तो पागल है
रिमझिम बरखा में मन क्यों उलझ रहा
उनकी यादों में मन विचलित, घायल है
आंखों में काजल है नभ पर बादल हैं
भाव बहक रहे ये दिल तो पागल है
रिमझिम बरखा में मन क्यों उलझ रहा
उनकी यादों में मन विचलित, घायल है