समझ समझ की बात

 कहावत है

बड़ों का कहा

और आंवले का खाया

बाद में मीठा लगता है।

जब किसी ने समझाया था

तब तो

समझ में आया था।

आज जीवन के इस मोड़ पर

समझ आने से क्या होगा

जो खोना था

खो दिया

और जो मिल सकता था

उससे हाथ धो बैठे।