छोटी-छोटी रोशनियाँ मिलती रहें
तिमिर में कभी जुगनुओं की रोशनियों का आनन्द लिया करते थे
पता नहीं कहाँ चले गये, टिमटिम करते आनन्द दिया करते थे
छोटी-छोटी रोशनियाँ मिलती रहें, जीवन की धार चली रहती है
गहन अंधेरे में भी मन से रोशनियों का आनन्द लिया करते थे