बस आस मत छोड़ना
कौन कहता है
कि टूटने से
जीवन समाप्त हो जाता है।
टूटकर धरा में मिलेंगे,
नवीन कोंपल से
फिर उठ खड़े होंगे
फिर पनपेंगे,
फूलेंगे, फलेंगे
बस आस मत छोड़ना।
कौन कहता है
कि टूटने से
जीवन समाप्त हो जाता है।
टूटकर धरा में मिलेंगे,
नवीन कोंपल से
फिर उठ खड़े होंगे
फिर पनपेंगे,
फूलेंगे, फलेंगे
बस आस मत छोड़ना।