भीतर के भाव

हर पुस्तक के

आरम्भ और अन्त में

कुछ पृष्ठ

कोरे चिपका दिये जाते हैं

शायद

पुस्तकों को सहेजने के लिए।

किन्तु हम

बस पन्नों को ही

सहेजते रह जाते हैं

पुस्तकों के भीतर के भाव

कहाँ सहेज पाते हैं।