दिल घायल

लोग कहते हैं

किसी की बात गलत हो

तो

एक कान से सुनो

दूसरे से निकाल दो।

किन्तु क्या करें

हमारे

दोनों कानों के बीच में

कोई सुंरग नहीं है

बात या तो

सीधी दिमाग़ में लगती है

अथवा

दिल घायल कर जाती है

अथवा

दोनों को तोड़ जाती है।