अनिर्वचनीय सौन्दर्य
सूरज की किरणों से तप रही धरा
बादलों ने आकर सुनहरा रूप धरा
सुन्दर आकृतियों से आवृत नभ से
अनिर्वचनीय सौन्दर्य से सजी धरा
सूरज की किरणों से तप रही धरा
बादलों ने आकर सुनहरा रूप धरा
सुन्दर आकृतियों से आवृत नभ से
अनिर्वचनीय सौन्दर्य से सजी धरा