भ्रम-जाल
पता नहीं किस
भ्रम में रहते हैं हम
कि बदल रहा है
बहुत कुछ,
या आने वाला कल
बदलकर आयेगा
और अब
बहुत कुछ
अच्छा ही अच्छा लायेगा।
लेकिन कुछ नहीं बदलता।
बस तरीके बदलते हैं
ढर्रे बदलते हैं
रास्ते अलग-से लगते हैं
लेकिन
आज का दौर
हो या कल का
सब एक-सा ही होता है,
शेष तो भ्रम-जाल होता है।