होली पर्व

जीवन को रंगीन बनाओ

कहती आई है होली

जीवन-संगीत सुनाओ

कहती  आई  है होली

आनन्द के ढोल बजाओ

कहती आई है होली

जीवन का राग

सुनाती आई है होली

मन में आनन्द के भाव

जगाती है होली

रंगों और रंगीनियों का नाम

है होली

कोई एक ही दिन क्यों

मन चाहे तो रोज़ मनाओ होली।

जीवन में

हर रोज ही आती है होली।

-

कहते हैं

आई है होली।

क्या हो ली,

कैसे हो ली?

अपनी तो समझ ही न आई

क्या-क्या हो ली।

क्या किसी से मुहब्बत होली?

किसके साथ किसकी होली

किस-किसके घर होली

मुझसे पूछे बिना

कैसे होली

किसके दम पर होली।

सच बोलो

लगता है

तुमने खा ली भांग की गोली।