भारत की है हिन्दी बोली

अच्छा लगता है मुझे

हिन्दी में बात करना।

अच्छा लगता है मुझे

किसी को हिन्दी में

बात करते हुए सुनना।

अच्छा लगता है मुझे

जब कोई बताता है

कि हिन्दी एक वैज्ञानिक भाषा है,

जहाॅं जो कहा जाता है

वही लिखा जाता है

और वही सुना जाता है।

अच्छा लगता है मुझे

जब कोई कहता है

विश्व में

सर्वाधिक बोली-समझी जाने वाली

भाषाओं में एक है

हमारी हिन्दी भाषा।

 

किन्तु उस समय

मेरा मन

उदास हो जाता है

जब कोई कहता है

हिन्दी एक कठिन भाषा है

इसे सरल होना चाहिए,

अकारण ही

अन्य भाषाओं के

निरर्थक शब्दों का समावेश

चुभता है मुझे।

अपने शब्दों को

कठिन बताकर

विदेशी नवीन शब्दों को

ग्रहण कर लेते हैं हम

किन्तु हिन्दी के जाने-पहचाने शब्द

छोड़ जाते हैं हम।

 

रोमन में लिखते

हिन्दी वर्णमाला को भूल रहे हैं हम।

मानक वर्णमाला कहीं खो गई है

42, 48, 52 के चक्कर में फ़ंसे हुए हैं हम।

 

वैज्ञानिक भाषा की बात करें

बच्चों को कैसे समझाएॅं हम।

उच्चारण, लेखन का सम्बन्ध टूट गया

कुछ भी लिखते

कुछ भी बोल रहे हम।

चन्द्रबिन्दु गायब हो गये

अनुस्वर न जाने कहॉं खो गये

उच्चारण को भ्रष्ट किया,

सरलता के नाम पर

शुद्ध शब्दों से भाग रहें हम।

शिक्षा से दूर हो गई,

माध्यम भी न रह गई,

ऑनलाईन अंग्रेज़ी के माध्यम से

हिन्दी लिख-पढ़ सीख रहे हम।

अंग्रेज़ी में हिन्दी  लिखकर

उनसे हिन्दी मॉंग रहे हम।

अनुवाद की भाषा बनकर रह गई,

इंग्लिश-विंग्लिश लिखकर

गूगल से  कहते हिन्दी दे दो,

हिन्दी दे दो।

 

न जाने किस विवशता में

हिन्दी के बारे में न सोच रहे हैं हम।

 

चलो, आज

हिन्दी के लिए एक आन्दोलन करें

शिक्षा का माध्यम बने हिन्दी

जन-जन की भाषा बने हिन्दी

हर मन की भाषा बने हिन्दी

अपनी पहचान बने हिन्दी।

 

लेकिन फिर भी

हिन्दी सबसे प्यारी बोली।

हिन्दी सबसे न्यारी बोली।

भारत की है हिन्दी बोली।