मन में भक्ति
कांवड़ियों की भीड़ बड़ी, शिव के जयकारे लगते
सावन माह में दूर-दूर से पग-पग आगे देखो बढ़ते
मन में भक्ति, धूप-छांव, झड़ी न रोके उनकी राह
गंगा से शुद्ध जल लाकर शिव का ये अभिषेक करते
कांवड़ियों की भीड़ बड़ी, शिव के जयकारे लगते
सावन माह में दूर-दूर से पग-पग आगे देखो बढ़ते
मन में भक्ति, धूप-छांव, झड़ी न रोके उनकी राह
गंगा से शुद्ध जल लाकर शिव का ये अभिषेक करते