बह रही ठण्डी हवाएँ

बह रही ठण्डी हवाएँ, मौसम में है खलबली
रवि-घन उलझ रहे, चिड़िया हो गई चुलबुली
शीत-धूप के बीच ओस-कण हैं बिखर रहे 
बूँद-बूँद से नम धरा देखो कैसे महक चली