रंग-बिरंगी दुनिया

रंग-बिरंगी दुनिया, रंगों से मन सजाती हूॅं

पाॅंव आलता लगा मन ही मन मुस्काती हूूॅं

रंग-बिरंगे फूल खिले, मन महक-महक रहा

अनजानी, बहकी-बहकी-सी मदमाती हूॅं।