रंग-बिरंगी ये लहरें

क्यों पाषाणों का आभास देती रंग-बिरंगी ये लहरें

क्यों रक्त-रंजित होने का आभास दे रहीं ये लहरें

एक तूलिका की छुअन से सब बदल देने की आस

भावों के उत्पात को सहज ही समझा रही ये लहरें