बचपन की बातें

हवा में उड़ते धागों को पकड़ने के लिए भागा करते थे

पकड़-पकड़ कर बोतलों में एकत्र कर लिया करते थे

मन में डर रहता था कि कहीं काले-काले कीट तो नहीं

बाद में इनका गुच्छा बनाकर हवा में उड़ा दिया करते थे।