वितंडावाद में चतुर
घात प्रतिघात आघात की बात हम करते रहे है
अपनी नाकामियों का दोष दूसरों पर मढ़ते रहे हैं
भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे कुछ करने का दम नहीं है
वितंडावाद में चतुर जनता को भ्रमित करते रहे हैं
घात प्रतिघात आघात की बात हम करते रहे है
अपनी नाकामियों का दोष दूसरों पर मढ़ते रहे हैं
भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे कुछ करने का दम नहीं है
वितंडावाद में चतुर जनता को भ्रमित करते रहे हैं