रिश्तों को तो बचाना है
समय ने दूरियां खड़ी कर दी हैं, न जाने कैसा ये ज़माना है
मिलना-जुलना बन्द हुआ, मोबाईल,वाट्स-एप का ज़माना है
अपनी-अपनी व्यस्तताओं में डूबे,कुछ तो समय निकालो यारो
कभी मेरे घर आओ,कभी मुझे बुलाओ,रिश्तों को तो बचाना है
समय ने दूरियां खड़ी कर दी हैं, न जाने कैसा ये ज़माना है
मिलना-जुलना बन्द हुआ, मोबाईल,वाट्स-एप का ज़माना है
अपनी-अपनी व्यस्तताओं में डूबे,कुछ तो समय निकालो यारो
कभी मेरे घर आओ,कभी मुझे बुलाओ,रिश्तों को तो बचाना है