मैमोरैण्डम
हर डायरी के
प्रारम्भ और अन्त में
जड़े कुछ पृष्ठ पर
जिन पर लिखा होता है
‘मैमोरैण्डम’ अर्थात् स्मरणीय।
मैमोरी के लिए
स्मरण रखने के लिए है क्या ?
वे बीते क्षण
जो बीतकर
या तो बीत गये हैं
या बीतकर भी
अनबीते रह गये हैं।
अथवा वे आने वाले क्षण
जो या तो आये ही नहीं
या बिना आये ही चले गये हैं।
बीत गये क्षण: एक व्यर्थता -
बडे़-बड़े विद्वानों ने कहा है
भूत को मत देखो
भविष्य में जिओ।
भविष्य: एक अनबूझ पहेली
उपदेश मिलता है
आने वाले कल की
चिन्ता क्यों करते हो
आज को तो जी लो।
और आज !
आज तो आज है
उसे क्या याद करें।
तो फिर मैमोरैण्डम फाड़ डालें।