बात कहो खरी-खरी
बात कहो खरी-खरी, पर न कहना जली-कटी
बात-बात में उलझो न, सह लेना कभी जली-कटी
झूठी लाग-लपेट से कभी रिश्ते नहीं संवरते
देखना तब रिश्तों की दूरियां कब कैसे मिटीं
बात कहो खरी-खरी, पर न कहना जली-कटी
बात-बात में उलझो न, सह लेना कभी जली-कटी
झूठी लाग-लपेट से कभी रिश्ते नहीं संवरते
देखना तब रिश्तों की दूरियां कब कैसे मिटीं