नेह की पौध
हृदय में अंकुरित होती है
जब नेह की पौध,
विश्रृंखलित होते हैं मन के भाव ,
लेने लगते हैं आकार।
पुष्पित –पल्लवित होती हैं
कुछ भाव लताएं।
द्युतिमान होता है मन का आकाश।
नीलाभ आकाश और धरा,
जीवन आलोकित करते हैं।
हृदय में अंकुरित होती है
जब नेह की पौध,
विश्रृंखलित होते हैं मन के भाव ,
लेने लगते हैं आकार।
पुष्पित –पल्लवित होती हैं
कुछ भाव लताएं।
द्युतिमान होता है मन का आकाश।
नीलाभ आकाश और धरा,
जीवन आलोकित करते हैं।