झाड़ पर चढ़ा करता है आदमी
सुना है झाड़ पर चढ़ा करता है आदमी
देखूं ज़रा कहां-कहां पड़ा है आदमी
घास, चारा, दाना-पानी सब खा गया
देखूं अब किस जुगाड़ में लगा है आदमी
सुना है झाड़ पर चढ़ा करता है आदमी
देखूं ज़रा कहां-कहां पड़ा है आदमी
घास, चारा, दाना-पानी सब खा गया
देखूं अब किस जुगाड़ में लगा है आदमी