हम नित मूरख बन जायें
ज्ञानी-ध्यानी
पंडित-पंडे
भारी-भरकम।
पोथी बांचे
ज्ञान बांटें
हरदम।
गद्दी छोटी
पोटली मोटी
हम जैसे
अनपढ़।
डर का पाठ
हमें पढ़ाएं,
ईश्वर से डरना
हमें सिखाएं,
झूठ-सच से
हमें डराएं।
दान-दक्षिणा
से भरमाएं।
जेब हमारी खाली
हम नित
मूरख बन जायें।