सुन्दर है संसार
जीवन में
बहुत कुछ अच्छा मिलता है,
तो बुरा भी।
आह्लादकारी पल मिलते हैं,
तो कष्टों को भी झेलना पड़ता है।
सफ़लता आंगन में
कुलांचे भरती है,
तो कभी असफ़लताएं
देहरी के भीतर पसरी रहती हैं।
छल और प्रेम
दोनों जीवन साथी हैं।
कभी मन में
डर-डर कर जीता है,
तो कभी साहस की सीढ़ियां
हिमालय लांघ जाती हैं।
जीवन में खट्टा-मीठा सब मिलता है,
बस चुनना पड़ता है।
और प्रकृति के अद्भुत रूप तो
पल-पल जीने का
संदेश दे जाते हैं,
बस समझने पड़ते हैं।
एक सौन्दर्य
हमारे भीतर है,
एक सौन्दर्य बाहर।
दोनों को एक साथ जीने में
सुन्दर है संसार।
कामना मेरी
और सुन्दर हो संसार।