सच बोलने लग जाती हूँ

मन में

न जाने क्यों

कभी-कभी

बुरे ख़याल आने लगते हैं

और मैं

सच बोलने लग जाती हूँ।

मेरी कही बातों पर

ध्यान मत देना।

एक प्रलाप समझकर

झटक देना।

मूर्ख

बहुत देखे होंगे दुनिया में,

किन्तु

मुझसे बड़ा मूर्ख कोई नहीं

यह समझ लेना।

मैं तो ऐसी हूँ

जैसी हूँ, वैसी हूँ।

बस

तुम अपना ध्यान रखना।

सच को झूठ

और झूठ को सच

सिद्ध करने की

हिम्मत रखना।

 

फिर भी

मन में मेरे

बुरे-बुरे ख़याल आते हैं

बस

अपना ध्यान रखना।।।