मेंहदी के रंगों की तरह

जीवन के रंग भी अद्भुत हैं।

हरी मेंहदी

लाल रंग छोड़ जाती है।

ढलते-ढलते गुलाबी होकर

मिट जाती है

लेकिन अक्सर

हाथों के किसी कोने में

कुछ निशान छोड़ जाती है

जो देर तक बने रहते हैं

स्मृतियों के घेरे में

यादों के, रिश्तों के,

सम्बन्धों के,

अपने-परायों के

प्रेम-प्यार के

जो उम्र के साथ

ढलते हैं, बदलते हैं

और अन्त में

कितने तो मिट जाते हैं

मेंहदी के रंगों की तरह।

 

जैसे हम नहीं जानते

जीवन में

कब हरीतिमा होगी,

कब पतझड़-सा पीलापन

और कब छायेगी फूलों की लाली।