जमाना जले तो जलने दो
मौसम आशिकाना है मुहब्बत की बात करो न
जमाना जले तो जलने दो इकरार से डरो न
उम्र की बात न करना मेरे साथ, जी जलता है
नहीं समझ आती मेरी बात तो बाबा बन के मरो न
मौसम आशिकाना है मुहब्बत की बात करो न
जमाना जले तो जलने दो इकरार से डरो न
उम्र की बात न करना मेरे साथ, जी जलता है
नहीं समझ आती मेरी बात तो बाबा बन के मरो न