कांटों को थाम लीजिए
रूकिये ज़रा, मुहब्बत की बात करनी है तो कांटों को थाम लीजिए
छोड़िये गुलाब की चाहत को, अनश्वर कांटों को अपने साथ लीजिए
न रंग बदलेंगे, न बिखरेंगे, न दिल तोड़ेंगे, दूर तक साथ निभायेंगे,
फूल भी अक्सर गहरा घाव कर जाते हैं, बस इतना जान लीजिए