कल किसने देखा है

इस सूनेपन में

मन बहक गया।

धुंधलेपन में

मन भटक गया।

छोटी-सी रोशनी

मन चहक गया।

गहन, बीहड़ वन में

मन अटक गया।

आकर्षित करती हैं,

लहकी-लहकी-सी डालियां

बुला रहीं,

चल आ झूम ले।

दुनियादारी भूल ले।

कल किसने देखा है

आजा,

आज जी भर घूम ले।