विघ्नहर्ता गणेश

लाखों नहीं

करोड़ों की संख्या में

विराजते हैं आप

हर वर्ष हमारे घरों में

आदरणीय गणेश जी।

दस दिन बाद

आपका विसर्जन कर

पुकारते हैं

अगले वर्ष जल्दी आना।

विसर्जित भी करते हैं

और चाहते हैं

कि आप पुनः-पुनः

हमारे घर पधारें

हर वर्ष पधारें।

गणेश जी के मूर्त रूप को तो

तिरोहित कर देते हैं

किन्तु  उनका अमूर्त रूप

क्या रख पाते हैं हम

अपने भीतर,

अथवा केवल

पूजा-अर्चना में ही

याद आती है उनकी।

मूर्तियाॅं तिरोहित करें

किन्तु विघ्नहर्ता गणेश जी को

अपने भीतर ही रखें।