दण्ड विधान

आज तक मैंने कभी भी किसी रिश्वत देने वाले को दण्डित किये जाने का समाचार नहीं पढ़ा। यदि ऐसा हो कि रिश्वत लेने वाले से पहले देने वाले को दण्डित किया जाये तो शायद किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार पर अधिक रोक लग पायेगी।

========

हम बच्चों की शिक्षा पर बहुत बात करते हैं।

किन्तु आज प्रतियोगी परीक्षाओं की जो स्थिति सामने रही है केवल इस पीढ़ी का ही नहीं, अगली पीढ़ी भी चिन्ताओं में घिरी बैठी है। अभी तीन परीक्षाएॅं पेपर लीक होने के कारण निरस्त कर दी गईं। केवल एक ही प्रतियोगी परीक्षा में लगभग 24 लाख विद्यार्थी बैठे थे और स्थान केवल एक लाख 10 हज़ार थे। इन प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी 10वीं के बाद दो वर्ष तैयारी करते हैं और साथ ही प्लस 1 और प्लस 2 की भी परीक्षाएॅं देते हैं। कोचिंग पर ही लाखों रुपये लग जाते हैं। इस धांधली में कितने लोग पकड़े गये, कितने नहीं, सच्चाई आम आदमी तक पहुॅंचती ही नहीं। पुर्नपरीक्षा कब होगी कोई नहीं जानता और पुनर्परीक्षा होने तक विद्यार्थी किस मनःस्थिति में रहेंगे , चिन्तनीय विषय है।

सबसे चिन्ता की बात यह कि वे कौन अभिभावक हैं जो अपने अयोग्य बच्चों को धन-बल से डाक्टर, इंजीनियर आदि बनाना चाहते हैं। आज हमारी चिन्ता यह तो है ही कि पेपर लीक हुए और बच्चों का भविष्य अधर में लटका। इस धांधली में लगे लोगों को दण्डित किया ही जाना चाहिए। किन्तु इतनी ही चिन्ता यह भी होनी चाहिए कि अयोग्य विद्यार्थियों के अभिभावक भी उतने ही दोषी हैं। यदि अभिभावक अपने बच्चों के लिए गलत राहें चुनें तो यह अपराध अपने-आप ही कम होने लगेंगे, और धन देने वालों के लिए भी दण्ड का प्रावधान हो

कविता सूद 25.6.2024