नये भाव देती है ज़िन्दगी

भॅंवर-भॅंवर घूमती है ज़िन्दगी

जल में ही नहीं

हवाओं में भी परखती है ज़िन्दगी।

चक्र घूमता है,

चक्रव्यूह रोकता है

हर दिन नये भाव देती है ज़िन्दगी।

शांत जल में बह रही नाव

कब भॅंवर में फंसेगी

कहाॅं बता पाती है ज़िन्दगी।

रंग भी बदलते हैं,

ढंग भी बदलते हैं

हवाओं के रुख भी बदलते हैं।

नहीं सम्हाल पाता है खेवट

जब भावनाओं के भॅंवर में

फ़ंसती है ज़िन्दगी।

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