चल आज काम बदल लें
चल आज काम बदल लें
मैं चलाऊॅं हल, खोदूंगी खेत
तुम घर चलाना।
राशन-पानी भर लाना
भोजन ताज़ा है बनाना
माता-पिता की सेवा करना
घर अच्छे-से बुहारना।
बर्तन-भांडे सब मांज कर लगाना।
फ़सल की रखवाली मैं कर लूंगी
तुम ज़रा झाड़ू-पोचा लगाना।
सब्ज़ी-भाजी अच्छे-से ले आना।
दूध-दहीं भी लेकर आना।
बच्चों की दूध-मलाई-रोटी
माता-पिता और भाई-बहन का खाना
सब अलग-अलग-से है बनाना।
बच्चों के कपड़े अच्छे से प्रैस हों,
जूते पालिश, बैग में पुस्तकें
और होम-वर्क सब है करवाना।
न करना देरी
स्कूल समय से जायें
टिफ़िन अच्छे-से बनाना।
नाश्ता, दोपहरी रोटी,
संध्या का जल-पान
और रात की रोटी
सब ताज़ा, अलग-अलग
और सबकी पसन्द का है बनाना।
मां की रोटी में नमक कम रहे
पिता की थाली में मीठा
भाई को देना घी की रोटी
बहन मांगेगी पिज़्जा बर्गर
सब कुछ है लाना।
कपड़ों का भी ध्यान रहे
धोकर धूप में है सुखाना।
और हां,
मेरी रोटी दोपहरी में दे जाना
ज़रा ध्यान रहे,
रोटी, साग, सब्ज़ी, लस्सी, पानी,
अचार-मिर्ची सब रहे।
कुछ लेबर के लिए भी लेते आना।
बैल की कमान थामी है मैंने
चूड़ी, कंगन, माला, हार
सब रख आई हूं
ज़रूरत पड़े तो पहन जाना।