फूल खिलाए उपवन में
दो फूल खिलाए उपवन में
उपवन मेरा महक गया
.
फूलों पर तितली बैठी
मन में एक उमंग उठी
.
कुछ पात झरे उपवन में
धरा खुशियों से बहक उठी
.
कुछ भाव बने इकरार के
मन मेरा बिखर गया
.
सपनों में मैं जीने लगी
अश्रुओं से सपना टूट गया
.
कोई झाॅंक न ले मेरी आंखों में
आॅंखों को मैंने मूॅंद लिया।
.
कोई प्यार के बोल बोल गया
मानों जीवन में विष घोल गया।
.
जीवन का सबसे बड़ा झूठ लगा
कोई रिश्तों में मीठा बोल गया