छिल जाती है कई ज़िन्दगियाॅं

कोई विशेष

वैज्ञानिक जानकारी तो नहीं  मुझे,

पर सुना है

कि नसों, नाड़ियों में

रक्त बहता है,

हम देख नहीं सकते

बस एक अनुभव है

जानकारी मात्र।

कहते हैं,

जब व्यवधान आ जाता है

इन नसों, नाड़ियों में

तो वैसे ही साफ़ करवानी पड़ती हैं

ये नसें, नाड़ियाॅं

जैसे हमारे घरों की नालियाॅं ,

अन्तर बस इतना ही

कि घरों की

नालियों की सफ़ाई में

एक छोटा-सा मूल्य देना पड़ता है,

अन्यथा

और रास्ते भी निकल आते हैं प्रवाह के।

किन्तु जब रुकती हैं

देह की नसें, नाड़ियाॅं

तो छिल जाती है ज़िन्दगी

और

साथ जुड़ी कई ज़िन्दगियाॅं।

मैला मन में जमे

नसों-नाड़ियों में

या नालियों में,

समय रहते साफ़ करते रहें

नहीं तो

तो छिल जाती है ज़िन्दगी

और

साथ जुड़ी कई ज़िन्दगियाॅं।