जिजीविषा
आम के आम
गुठलियों के दाम मिलें
और आम से आम मिलें
तो और क्या चाहिए जीवन में।
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जीवन-अंकुरण
प्रकृति का स्व-नियम है।
प्रकृति नियम बनाती है
किन्तु जब चाहे
अपने मन से
बदल भी देती है।
नई राहें
आप ही ढूॅंढती है प्रकृति।
जिजीविषा, न जाने
किसके भीतर कहां तक है,
हमें समझाती है प्रकृति।
आशाओं का आकाश बड़ा है
जीवन का आधार बड़ा है
हमें बताती है प्रकृति।
डर मत
यहाॅं नहीं तो वहाॅं
कहीं न कहीं तो
जीवन का उल्लास
दिखा ही देती है प्रकृति,
जीवन में मिठास
भर ही देती है प्रकृति।