पुरानी कथाओं से सीख नहीं लेते
पता नहीं
कब हम इन
कथा-कहानियों से
बाहर निकलेंगे।
पता नहीं
कब हम वर्तमान की
कड़वी सच्चाईयों से
अपना नाता जोड़ेंगे।
पुरानी कथा-कहानियों को
चबा-चबाकर,
चबा-चबाकर खाते हैं,
और आज की समस्याओं से
नाता तोड़ जाते हैं।
प्रभु से प्रेम की धार बहाईये,
किन्तु उनके मोह के साथ
मानवता का नाता भी जोड़िए।
पुस्तकों में दबी,
कहानियों को ढूंढ लेते हैं,
क्यों उनके बल पर
जाति और गरीबी की
बात उठाते हैं।
राम हों या कृष्ण
सबको पूजिए,
पर उनके नाम से आज
बेमतलब की बातें मत जोड़िए।
उनकी कहानियों से
सीख नहीं लेते,
किसी के लिए कुछ
नया नहीं सोचते,
बस, चबा-चबाकर,
चबा-चबाकर,
आज की समस्याओं से
मुंह मोड़ जाते हैं।